Book Title: Swasthya Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 58
________________ स्वास्थ्य अधिकार मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र मिटता है। 9. खाने का सोड़ा .2 ग्राम दही में मिलाकर खावें तो पीलिया रोग (कावील) दूर हो जाता है। गन्ने का रस और दूध लेने से और भी लाभ होगा। घी का परहेज रखना, खाना नहीं । मुनि प्रार्थना सागर (118) पोलियो रोग 1. पोलियो रोग निवारण- अदरक, चिरायता दोनों को समान भाग लेकर पीसकर मटर समान गोली बना लें। प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक एक-एक गोली खाएं तो आराम हो जाएगा। (119) कुष्ठ (कोढ़) रोग १. नीम के ताजे पत्तों का रस शरीर पर मर्दन करने से कुष्ठ रोग में फायदा होता है। २. नीम के कोमल पत्ते घोटकर लगातार पीने से कोढ़ रोग मिटता है। ३. तुरई के बीजों का लेप करने से कोढ़ मिटता है । ४. १ वर्ष तक लगातार कालाजीरी की फाकी लेने से कोढ़ रोग सम्बन्धी सभी रोग मिट जाते हैं। ५. बबूल की छाल ३७.५ ग्राम का हिम प्रतिदिन पीने से कुष्ठ रोग मिट जाता है । ६. नीम की छाल के साथ योगराज गुग्गल लेने से कष्ठ साध्य कुष्ठ रोग मिट जाता है। ७. आँवला के रस में सनाय सेवन करने से कुष्ठ रोग मिट जाता है। 8. गुड़ के साथ हल्दी की गोली बनाकर गौमूत्र के साथ लेने से कोढ़ रोग मिट जाता है 10. १२ वर्ष तक नीम के नीचे रहने से पित्त का गलित कोढ़ मिट जाता है। 11. चित्रक का लेप या मर्दन करने से मंडल कोढ़ भी मिट जाता है। 12. हड़ताल की भस्म .०५ ग्राम पान में खाने से कुष्ठ रोग मिट जाता है, कम से कम २ महीने तक खावें । 13. खैर का काढ़ा प्रतिदिन पीने से व स्नान के काम में लेने से नख रोम उत्पन्न होकर शरीर शुद्ध हो जाता है अर्थात् कुष्ठ रोग का उप- शमन हो जाता है 1 14. कुष्ठ रोग :- कनेर की ताजी जड़ को सरसों के तेल में उबालकर ठंडा कर छान लें, फिर उस तेल को प्रभावित भागों पर लगाने से रोग निर्वृत्ति होती है। 15. यदि त्रिफला को लौह भस्म, सोना मुखी, पीपल, वायविडंग, भांगरा के चूर्ण के साथ सेवन की जाय तो यह तीन गुणों को प्रकट करता है तथा इसे घृत और दूध के साथ सेवन करें तो कुष्ठ रोग को भी मिटाती है। 571

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