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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
फिटकरी के पानी से कान साफ करना चाहिये, अन्त में कान को पोंछकर सरसों का तेल डालकर ऊपर रुई लगा देना चाहिये ।
१४. कान में फोड़ा होने पर - फिटकरी सफेद, समुद्र फेन पीसकर कान में डालकर ऊपर से नीम्बू का रस डालें, जब मवाद आना बन्द हो जाय और पीड़ा शान्त हो जाय तो मूली के पत्ते मीठे तेल में जलाकर छान लें और उस तेल को कान में डालने से आराम होता है।
15. कान दर्द निवारण - सुदर्शन वृक्ष के पत्ते का रस कान में कुनकुना कर डालने से बहता हुआ कान दर्द ठीक होता है।
16. कर्ण पीड़ा- अपामार्ग पत्तों के अर्क को कान में डालें तो दर्द दूर होता है।
17. गुंजा की जड़ को कान पर बांधने से भी दाढ़ के कीड़े झड़ जाते हैं ।
18. श्वेत दूब को घी में मिलाकर कान में डालने से बहरापन दूर होता है।
19. कान दर्द - कान के भीतर धतूरे के पत्तों का रस एक दो बूंद कान में डाल दे तो तुरन्त राहत मिलती है।
20.
कान दर्द दूर हो -तुलसी के पत्तों में गुगल की धूप देकर उनका रस निकालें और उसको कान में डालें तो कान का दर्द दूर हो जाएगा ।
(71) नाक- रोग
१. नकसीर बन्द करने के लिए नीम के पत्ते और अजवाइन को बारीक पीसकर कनपटियों पर लेप करना चाहिये ।
२. ऊँट के बालों को जलाकर उस राख को सूंघने से नकसीर मिटती है।
३. ऊँट के बालों को जलाकर उस राख को लगाने से नाक की फोड़ा - फुन्सी मिटती है।
4. नाक तथा मूत्र में रूधिर आवे तो- दूब को मिश्री के साथ पीसकर पिलाना चाहिये। (72) वमन (कै) - रोग
१. अगर को पानी में घिसकर पिलाने से वमन रुकता है ।
२. अजवाइन और लौंग की टोपी को मिश्री की चासनी में चाटने से वमन मिटता है । चनों को भिगोकर उस पानी को पिलाने से वमन रुकता है ।
३.
४. सुपारी और हल्दी के चूर्ण में शक्कर मिलाकर फक्की लेने से वमन मिटता है ।
५. नमक का गर्म पानी पीने से भी वमन मिटता है।
६. धनिया और मिश्री पुराने चावलों के माड़ में लेने से वमन मिट जाता है। ७. सोंफ को पीसकर पानी में भिगोकर उस पानी को लेने से वमन मिटता है ।
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