Book Title: Swasthya Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 41
________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर 23. आँख दुखना :- मिर्च पाउडर में पानी मिलाकर जो आँख दुखे उस तरफ के पैर के अंगूठे पर लेप करें, आँख दुखना शान्त होगा। 24. आंख फोड़ा- शक्कर, फेन सममात्रा में सूक्ष्म पीसकर आंख में अंजन करने से फोला जाये। 25. श्वेत पुनर्नवा की जड़ को घी के साथ पीसकर नेत्र में लगाने से नेत्रों का पानी गिरना बंद हो जाता है। 26. जयंती या हरीत की मूल को स्त्री के दूध का पुट देकर पीसें तथा उसे नेत्रों में लगाएं तो नेत्र रोग यथा रतौंधी, आँखों में रक्त, ज्वर आना, मांस वृद्धि, चर्मकोश जैसे रोग समाप्त होते हैं। 27. सफेद सांठी की जड़ को घी में पीसकर आंखों में अंजन करने से बहता पानी रूक जाता है। 28. असली लाल चंदन लेकर आँखों में डालने से आँख में फूल (ठीक) मिट जाता है। (70) कान-रोग१. अलसी के तेल को गर्म कर कान में डालने से कान पीड़ा मिटती है। २. आम के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान पीड़ा मिटती है। ३. गवारपाठे का रस गुनगुना कर कान में डालने से कान पीड़ा मिट जाती है। ४. बकरी के दूध को कान में डालने से कान पीड़ा मिटती है। ५. नीम के पत्तों का बफारा देने से कान का मैल निकलकर पीड़ा मिटती है। ६. ऊँट या ऊंटनी का मूत्र कान में डालने से कान पीड़ा मिटती है। ७. कत्था पीसकर कान में बुरकाने से कान बहना मिटता है। ८. कौंडी भस्म कान में डालकर नीम्बू का रस डालने से कान बहना बन्द हो जाता है। ९. फिटकरी और उसका बीसवाँ भाग हल्दी लेकर कान में बुरकाने से कान बहना बन्द हो जाता है। १०. अर्जुन के पत्तों का स्वरस डालने से कर्ण शूल मिट जाती है। ११. बादाम का तेल डालने से कान में शब्द होना मिट जाता है। १२. मेथी के चूर्ण को स्त्री के दूध में घोलकर टपकाने से कान से पीप आना बन्द हो जाता १३. कान बहता हो तो- समुद्र फेन को पीसकर कान में डालना ऊपर से छना हुआ नीम्बू ___ का रस डालना चाहिये, जब कान पर झाग आ जावे तो रुई से झाग पौंछना, पीछे 554

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