Book Title: Swasthya Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 50
________________ स्वास्थ्य अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर रक्तातिसार मिटता है। २. पुराने अतिसार में ३.२ ग्राम मोचरस पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर खाना चाहिए। (92) आम अतिसार १. सोंफ को आधी सेंककर पीसकर ठण्डे पानी में लेने से आमातिसार में फायदा होता २. सोंठ, धाय के फूल, मोचरस, अजमोद इन चारों के चूर्ण को छाछ से लेने से उग्र अतिसार रोग भी मिट जाता है। ३. अदरक को पीसकर नाभि के चारों ओर बाट बना दें फिर उसमें आंबले का रस भरने से आम के दस्त मिट जाते हैं। __ (93) भस्मक रोग १. गूलर की छाल १२.५ ग्राम को स्त्री के दूध में पीसकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता २. चनों को पानी में भिगोकर उस पानी को पीने से भस्मक रोग मिट जाता है। ३. पर्याप्त मात्रा में केला खाने से भस्मक रोग मिट जाता है। (94) शरीर का मोटापा दूर करना १. कुल्थी को पकाकर खाने से मोटापा मिटता है। २. त्रिफला के काढ़े में मिश्री मिलाकर प्रात:काल पीने से शरीर का मोटापा दूर हो जाता है। ३. इन्द्रायण की जड़ तथा अजवाइन का चूर्ण .१-.१ ग्राम खाने से काया-कल्प होता है। ४. प्रातःकाल शीतल जल में मिश्री (मधु) मिलाकर पीने से पे का मोटापा मिट जाता है। ५. १ गिलास पानी में १ नीम्बू का रस प्रतिदिन सुबह पीने से शरीर का मोटापा मिटता है। ___ (95) सदा जवान रह (1) सदा जवान रहें - (अ) सालममिश्री, मरोड़फली और मूसली के कूट पीस कर गोदुग्ध के साथ जो पीवें वह वृद्ध भी तरूण समान बलिष्ठ होय। (२) जो पुरुष एक तोला मुलहठी के चूर्ण को घी और चासनी (शहद) में मिलाकर चांटे और दूध का अनुपान करे तो वह अति वेगवान हो जाता है। (96) सर्व वात रोग १. अरण्ड की लकड़ी की २५ ग्राम भस्म खाने से वात रोग मिट जाता है। २. १२.५ ग्राम निगुन्डी १२.५ ग्राम गाय के घृत में खाने से कफ और वायु मिटती है। - 563

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