Book Title: Sutrakritanga Sutram Part 03
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 567
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुत्रकृतास्त्र ___ अम्वयार्थः--(जं सबसाहूणं मयं) यत्सर्वसाधूनां मतं संयमस्थानरूपं (तं ममोचन्मतं (सल्लगवणं) शल्यकर्त्तनं-शल्यस्य ज्ञानावरणीयाद्यष्टविधकर्मणः कर्त्तनं नास भवति, अतः (त) तन्मतं संयमानुष्ठानरूपं (साहइत्ताण) साधयित्वा संम्पक्समाराध्य बहवः संसारसागरं (तिना) तीर्णाः-पारं प्राप्ताः । वा-अथवा ये अवशिष्टकर्माणः यदि भवेयुस्ते (देवा) देवाः-सौधर्मादयः अनुत्तरोपपातिका वा देवाः (अभविसु) अभूवन ते तत”च्युत्वा मनुष्यभवे सेत्स्यन्तीति भावः ॥२४॥ साधुओं को मान्य है 'तं मयं-तन्मतं' वही मत 'सल्लगत्तर्ण-शल्यकर्तनम्' शल्यज्ञानावरणीयादि आठ प्रकार के कर्म को काटने वाला होता है अतः 'तं मयं-तन्मतम्' संयमानुष्ठान रूप उस मतको 'साहहत्ताणसाधयित्वा' आराधित करके बहुत से लोक संसारसागर को 'तिन्नासीमा तैर गये हैं अथवा 'देवा-देवा' सौधर्मादि अथवा अनुत्तरोपपातिक देव 'अभविसु-अभूवन' हुए हैं वे वहाँसे चवकर मनुष्यभवमें राम होते हैं ॥२४॥ ____ अन्वायर्थ--समस्त साधुओंका जो मत है, वही मत ज्ञानावरणीय भादि आठ प्रकार के कर्म का विनाशक है । अतएव उस संयमानुष्ठान रूप मत की सम्यक् आराधना करके बहुत से जीव संसार सागर से भर हुए हैं। जिनके कर्म शेष रह गए वे सौधर्म आदि या अनुत्तरो. पातिक देव हुए हैं। वहांसे च्यव कर और मनुष्य भव प्राप्त करके वे सिद्धि प्राप्त करेंगे ॥२४॥ बनाने मान्य 314 तं मय-तन्मतम्' मे मत 'सल्लगत्तणं-शल्यकर्त्तनम्' ય-અર્થાત્ જ્ઞાનાવરણીયાદિ આઠ પ્રકારના કર્મને કાપવાવાળા બને છે. તેથી *मय-तन्मतम्' सयमाना अनुहान ३५ मे मतने 'साहहताण-साधयित्वा' पित रीन un at संसार सारने 'तिन्ना-तीर्णाः' तरी या छे. भया 'देवा-देवाः' सोधात अथवा अनुत्तरा५पाति: हे 'अभविसु-अभू. જિ થયા છે. તેઓ ત્યાંથી આવીને મનુષ્ય ભવમાં ઉત્પન્ન થાય છે. મારા અન્વયાર્થ––સઘળા સાધુઓને જે મત છે. એ જ મત જ્ઞાનાવરણીય વિગેરેઆઠ પ્રકારના કર્મને વિનાશક છે. તેથી જ એ સંયમાનુષ્ઠાન રૂ૫ મતની સંસ્થફ આરાધના કરીને ઘણું જ સંસાર સાગરથી પાર ઉતર્યા છે. જેમના કર્મ બાકી રહ્યા તેઓ સૌધર્મ વિગેરે અથવા અનુત્તરપપાતિક દેવ બન્યા છે. ત્યાંથી વીને અને મનુષ્ય ભવ પ્રાપ્ત કરીને તેઓ સિદ્ધિ પ્રાપ્ત કરશે પારકા For Private And Personal Use Only

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