Book Title: Sursundari Chariyam
Author(s): Dhaneshwarmuni
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दक्खिणसेढीयपुरे वेयड्डे रयणसंचए अस्थि / पवणगइखयरपुत्तो बउलवई कुच्छिसंभूओ // 61 / / खयरिदंचक्कवट्टी विक्खाओ | चित्तवेगनामोत्ति / अमियगइखयरधूया भञ्जा से कणगमालत्ति // 62 // युग्मम् // तीए य अहं पुत्तो मणदइओ मयरकेउनामोत्ति / || कमसो य वड्डमाणो पत्तो हं जोव्वणं पढमं // 63 / / एत्तो य अत्थि नयरं वेयड्डे उत्तराए सेढीए / सव्वोउयतरुवणसंडमंडियं चमरचंचंति // 6 // भाणुगइखयरपुत्तो चित्तगई तत्थ खयरवरराया / सो मह पिउणो मित्तं अहंपि अइवल्लहो तस्स // 65 // अह अन्नया कयाइवि पत्तस्स पुरम्मि चमरचंचम्मि। पीईइ चित्तगइणा दिन्ना मह रोहिणी विजा // 66 // सा सत्तहिं मासेहिं तत्थेव ठिएण साहिया विजा / जहभणियविहाणेणं विहीसियाणं अभीएणं // 67|| तत्तो साहियविजो संपत्तो नियपुरे अहं पिउणा / परमाणंदियहियएण संसिओ खयरमज्झम्मि // 68 // पिच्छद्द कह बालेणवि रउद्दरूवावि रोहिणी विजा। अक्खुहियमाणसेणं साहिया मज्झ तणएणं? // 69 // अञ्जवि विजाओ किल साहिउमसमत्थओ इमो बालो। इय चिंताए न दिन्ना विजाओ इमस्स अद्देहिं // 7 // ता जइ इमेण पढम रउद्दरूवावि साहिया एसा / का गणणा अन्नासिंपि साहणे होज एयस्स? // 71 / / अह सोहणम्मि दियहे काउणहाहियं महामहिमं / सिद्धाययणठियाणं जिणपडिमाण पमोएण ||72 / / भणिउं समाणसिद्धिं दिनाओ मज्झ सयलविजाओ। सोहणविहीवि सबो उबइट्ठो ताण ताएण ||73 / / युग्मम् // गंतूण रयणदीवे फुरंतकिरणोहरयणविच्छुरिए / विजाहरवरनिम्मियजुगाइजिणमंदिरे रम्मे / / 74|| तत्थ य पसत्थखित्ते विर्यणे विप्फुरियकिरणजालेसु / विज्ञापसाहणुञ्जयखयरोचियविविहभवणेसु // 75 / / 1 सम्बोउया सर्व काः / 2 विभीषिकाभ्यः / 3 शंसित: वक्ष्यमाणविधिना श्वाधितः / 4 अन्दः संवत्सरः / 5 तासां विद्यानाम् / 6 विजन| निर्जनम् / For Private and Personal Use Only

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