Book Title: Sursundari Chariyam
Author(s): Dhaneshwarmuni
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie सुरसुंदरी सोलहमो परिच्छेओ // 246 // जस्स य मुह कुहराओ विणिग्गया अत्थवारिसोहिल्ला / बुहचकवायकलिया रंगंतसुफक्कियतरंगा // 247 // तडरुहअवसद्दम | चरिअं | हीरुहोहउम्मूलणम्मि सुसमत्था / अज्झायपवरतित्था पंचगंथी नई पवरा // 248 // तेसिं सीसवरो धणेसरमुणी एयं कहं पायर्ड चड्डावल्लिपुरीठिओ सगुरुणो आणाए पाढंतरा / कासी विक्कमवच्छरम्मि य गए बाणकसुन्नोडुपे मासे भद्दवए गुरुम्मि कसिणे बीयाध-| // 14 // गणिट्ठादिणे // 249 // साहुधणेसरविरइयसुबोहगाहासमूहरम्माए। रागग्गिदोसविसहरपसमणजलमंतभूयाए // 250 / / एसोवि पुब्ब| सूइयनिव्वाणविहाणवनणो नाम / सुरसुंदरीकहाए सोलहमो इह परिच्छेओ॥२५१॥ // सोलहमो परिच्छेओ समत्तो।। 1 फकिकामपन्थविषमस्थानम् / 2 एतन्नामा ग्रन्थविशेषः / 3 अकार्षीत् / 4 वामगत्या / வலைலைலைலைலைவைவைவைவைல ॥सुरसुंदरी चरिअं समत्तं // Sweonesomvemuconvensoormouvonvenurumuk // 14 // For Private and Personal Use Only

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