Book Title: Sursundari Chariyam
Author(s): Dhaneshwarmuni
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 251
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org धणवइरूबी ठिओ तत्थ // 189 // सो पुण धणवइवणिओ पुब्वभवोवत्तकम्मदोसेण / अवहरिय तेण मुक्को इहेब भरहे विणीयाए ||190 // सो तत्थ रिसहजिणवरवंसपसूयस्स दंडवीरियस्स / केवलिणो पयमूले पव्वइओ जायनिव्वेओ॥१९१।। पुव्वसयसहस्साई तीसं काऊण उग्गतवचरणं / उववण्णो ईसाणे देवो चंदज्जुणो नाम // 192 // परदारपसत्तो सो सुमंगलो तेण छिन्नवरविजो / मुक्को परओ माणूसनगस्स देवेण कुद्धेण // 193 / / पडिबोहिया उ देवेण वसुमई जायतिव्वसंवेगा / सूरिसुहम्मपवत्तिणिपयमूले अज्जिया | जाया / / 194 // एवं च अणंगवई वसुमइअञ्जाइ संजुया तत्थ / मयहरिचंदजसाए पयमूले कुणइ उग्गतवं // 195 // अह अन्नया | कयाइवि वियारभूमि गयाहिं एयाहिं / दिटुं तं उम्मत्तं मिहुणं बहुडिंभपरियरियं / / 196 / / उग्गायतं बहुहा नचंतं धूलिधूसरसरीरं। तं दट्ठमणगवई सविसाया एवमुल्लवइ // 197|| अन्जे ! वसुमइ ! एसा भगिणीइ सुलोयणाइ अणुहरइ / जरदंडिखंडवेसणा गहगहियनरस्स पासत्था // 198 // भणियं च वसुमईए सुइरं निझाइऊण सविसायं / एसो सो कणगरहो एसावि सुलोयणा नूणं // 199 / / | तत्तो गंतुं दोहिवि महुरं आभासियं तयं जुयलं / उग्गायइ हसइ नच्चइ बोल्लई असमंजसं बहुयं / / 200 / / ताहे दोवि जणाई सुहम्मसूरिस्स पायमूलम्मि / करुणापराहिं अजाहिं ताहिं नीयाई सविसायं // 201 // अइसयनाणी य गुरू पुट्ठो उम्मायकारणं ताहि / गुरुणावि ताण सिट्ठो पुव्वुत्तो सयलवुत्तंतो // 202 / / भणिओ अजाहिं गुरू भयवं! जइ अस्थि कोवि पडिजोगो। ता एयाण पउंजह जइ पिच्छह किंचि उवगारं // 203 // तत्तो गुरुणा तेसिं दिनो उम्मायनासणपडिट्ठो। पडिजोगो जायाई दोनिवि अह सत्थचि| ताई // 204 // अह ताण वसुमईए सिट्ठो सहोवि पुव्ववुत्तो। एयस्स गुरुपभावा नहो तुम्हाण उम्माओ॥२०५।। इय सोऊणं उवत्तं-उपात्तं गृहीतम् / 2 आर्यिका साध्वी / 3 मयहरी=महत्तरी / 4 परिकरित व्याप्तम् / 5 वसन वस्त्रम् / 6 निध्याय दृष्ट्वा / 7 बोल्लइ-कथयति। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292