Book Title: Stotra Ras Samhita
Author(s): Lalitprabhsagar, Chandraprabhsagar, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Siddhiraj Jain

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Page 89
________________ ७९ स्तोत्र-रास-संहिता श्रीपद्मावती अष्टक-स्तोत्र श्रीमद्-गीर्वाणचक्रस्फुट - मुकुटतटी- दिव्य-माणिक्यमाला । ज्योतिषलाकरालस्फुरित-मुकुरिका-घृष्ठपादारविन्दे । व्याघ्रोरोल्का-सहस्र-ज्वलदनलशिखा, लोलपाशांकुशाढ्ये ! ॐ क्रीं ह्रीं मंत्ररूपे ! क्षपित-कलिमले, रक्ष मां देवि ! पद्मे ||१|| भित्त्वा पातालभूल चलचलचलिते ! व्याल-लीला-कराले ! विद्य इदण्ड-प्रचण्ड-प्रहरणसहिते, सद्भुजैस्तर्जयन्ती । दैत्येन्द्र क्रू रदंष्ट्राकटकटघटित-स्पष्ट-भीमाट्टहासे ! मायाजीमूतमालाकुहरितगगने ! रक्ष मां देवि ! पद्म ||२|| कूजत्कोदण्डकाण्डोड्डमर-विधुरित-क्र र-घोरोपसर्ग | दिव्यं वज्रातपत्रं प्रगुणमणिरणत्-किङ्किणी - क्वाण-रम्यम् । मास्वद् वैडूर्य-दण्डं मदनविजयिनो, विभ्रतो . पाव-भर्तुः ! सा देवो पद्महस्ता विघटयतु महाडामरं मामकीनम् ॥३। भृङ्गो काली कराली पंरिजनसहिते ! चण्डि ! चामुण्डि । नित्ये ! क्षां क्षी क्ष क्षों क्षणार्द्ध क्षतरिपुनिवहे ! हौं महामन्त्रवश्ये ! भ्रां प्री भृङ्ग-सङ्ग भ्रकुटि-पुटतटत्रासितोद्दामदैत्ये ! स्रां प्री सूत्रों प्रचण्डे ! स्तुतिशतमुखरे ! रक्ष मां देवि ! पद्म ! ||४|| चञ्चत् काञ्ची-कलापे ! स्तनतटविजुठत्तारहारावलीके ! प्रोत्फुल्लत्पारिजात मकुसुममहामञ्जरी-पूज्यपादे ! हां ह्रीं क्लीं ब्लू समेतैव

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