Book Title: Stotra Ras Samhita
Author(s): Lalitprabhsagar, Chandraprabhsagar, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Siddhiraj Jain

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Page 147
________________ १३६ श्री दादा गुरु गुण इकतीसा आठ दोय हजारा, आसो तेरस शुक्करवारा । शुभ मुहरत वर सिंह लगन में, पूरण कीनो बैठ मगन में ||२८|| || दोहा ॥ सद्गुरु का समरण करे, धरे सदा जो ध्यान । प्रातः उठी पहिले पढ़े, होय कोटि कल्याण ||२९|| सुनो रतन चिंतामणि, सत्गुण देव महान् । वन्दन श्रीगोपाल का, लीजे विनय विधान ||३०|| चरण शरण में मैं रह, रखियो मेरा ध्यान । भूल चूक माफी करो, हे मेरे भगवान ॥३१॥

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