Book Title: Stotra Ras Samhita
Author(s): Lalitprabhsagar, Chandraprabhsagar, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Siddhiraj Jain
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सरस्वती-प्रथम-स्तोत्रम्
१०१
सरस्वती-प्रथम-स्तोत्रम् नमस्ते शारदादेवि काश्मीरप्रतिवासिनि । त्वामहं प्रार्थये मातर्विद्यादानं प्रदेहि मे ||१|| सरस्वती मया दृष्टा देवी कमललोचना । हंसस्कंधसमारूढा वीणापुस्तकधारिणी ॥२॥ सरस्वतीप्रसादेन काव्यं कुर्वन्ति पण्डिताः । तस्मान्निश्चलभावेन पूजनीया सरस्वती ||३|| प्रथमा भारतीनाम्नी द्वितीया च सरस्वती । तृतीया शारदादेवी चतुर्थी हंसवाहिनी ||४|| पंचमी जगद्विख्याता षष्ठी वागीश्वरी तथा । कुमारी सप्तमी प्रोक्ता अष्टमी ब्रह्मचारिणी ||५|| नवमी त्रिपुरादेवी दशमी ब्राह्मणीसुता । एकादशी तु ब्रह्माणी द्वादशी ब्रह्मवादिनी ॥६|| वाणी त्रयोदशी नाम भाषा चैव चतुर्दशी । पंचदशी श्रुतादेवी षोडशी श्रीनिगद्यते ||७|| एतानि षोडशनामानि प्रातरुत्थायः यः पठेत् । तस्य संतुष्यते देवी शारदा वरदायिनी ||८|| या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या चन्द्रबिंबानना। या त्रैलोक्यविभूषणा भगवती या राजहंसप्रिया ॥ या पद्मोदलनेत्रपद्मयुगला या जातिपुष्पप्रिया । सा नक्षत्र ललाटपट्टतिलका सा शारदा पातु माम् ||९|| या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या श्वेतपद्मासना, या वीणावरदंडमंडितकरा या शुभ्रवस्त्रावृता । या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ||१०||
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