Book Title: Stavanavali Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 8
________________ (9) क्रमांक. १९० कर कर कर कर कर कर करने, ११७ चेतन काची रे मट्टीका डेरा..... १२० प्रभु पास चिंतामणि मेरो. १२१ चंद्र प्रभुजी सें ध्यान रे० १२२ मारो मुजरो मानीने लीजें रे. १२३ पास प्रभु जिनराया हो दिल जाया मेरानाइ५० १२४ करूं सलाम आज हर्ष हैयामां० १२५ ते मुक्त पुर गये रहे रे. १२६ थें पीयाजी मत चालो थाने अरज करूँ० १२७ बिसर मत नाम जिनंदजी को. १२० देखो रे जिणंदा प्यारा. पृष्टांक ५७ ԱՄ ԱՄ ՎԵ ԱԽ **** **** 9000 ६० ६० ६१ ६१ ६२ ६२ १२० मुने वालो लागे बे जिन राजरो देदार.... १३० मुरत मोहनगारी जिनंदा तोरी मूरत... ६ १३१ नाजि राजा घर जाइ सब मिल देत वधाइ ६ १३२ खतरा दूर करनां दूर करनां..... १३३ पानी में मीन पियासी रे. १३४ जिनसें प्रीत लागी लागी मोरी जिनसें० ६३ १३५ में तो तोरी आजही महिमा जाणी. १३६ शियल नित पालो प्राणी. १३७ शांति जिनेसर साहिबा रे. ६३ .... ६४ ६४ ६४ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org **** .... प ****Page Navigation
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