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१०२ : श्रमण, वर्ष ५६, अंक ७-९/जुलाई-सितम्बर की निश्रा में इस वर्ष महापर्व “पर्युषण' बड़े उल्लासपूर्ण वातावरण में एवं धर्म साधनातपस्या के साथ मनाया गया। पर्युषण के पूरे आठ दिनों तक दैनिक पूजा के अतिरिक्त रात को मन्दिरजी में जिनेश्वर भगवान् की संगीतमय भक्ति एवं आरती का लाभ अनेक भक्तों एवं दर्शनार्थियों ने लिया।
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स्मृति शेष श्रीमती अमराव देवी कांकरिया स्वर्गस्थ कोलकाता ८ जुलाई स्वर्गीय फूसराज जी कांकरिया की पत्नी श्रीमती अमराव देवी कांकरिया का ६ जुलाई २००४ को ९६ वर्ष की अवस्था में कोलकाता में निधन हो गया। आप अत्यन्त धर्मनिष्ठ महिला थीं। अपने लम्बे जीवनकाल में आप न केवल विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों में संलग्न रहीं बल्कि आपने अनेक सामाजिक कार्य भी कराये।
आपकी स्मृति में आपके परिजनों की ओर से ११००/- रुपये पार्श्वनाथ विद्यापीठ की शोध पत्रिका श्रमण को भेंट स्वरूप प्रदान किया गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से श्रीमती कांकरिया को हार्दिक श्रद्धांजलि।
श्रीमती दयाबहन दिवंगत सुप्रसिद्ध सर्वोदयी विचारक और पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व व्यवस्थापक स्व० शांतिलाल वनमालीदास सेठ की धर्मपत्नी श्रीमती दयाबहन सेठ का ८७ वर्ष की आयु में १० सितम्बर २००४ को बैंगलोर में निधन को गया। आप अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। आपके पुत्र श्री हर्षवर्धन एवं श्री दीपक भाई सुविख्यात समाजसेवी हैं। दीपक भाई ने दो वर्ष पूर्व बैंगलोर में दयाशान्ति चैरिटेबल मेडिकल एण्ड डेण्टल क्लीनिक की भी स्थापना की है, जिसमें मरीजों को नि:शुल्क एलोपैथिक चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। विद्यापीठ परिवार की ओर से दयाबहन को हार्दिक श्रद्धांजलि।
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