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अर्थ :- त्यार पछी सार्थना लोको भयरहित थये छते मळेला बालकथी मांडी वृद्धो सहित धनदेवने सुप्रतिष्ठ पल्लिपति स्नेहयुक्त आ प्रमाणे कहे छ। हिन्दी अनुवाद :- बाद में सार्थ से निर्भय होने पर धनदेव से सुप्ततिष्ठ पल्लिपति स्नेहयुक्त इस प्रकार कहने लगा। गाहा :
एत्तो गाउयमेत्ते सीहगुहा नाम अत्थि मे पल्ली । तीए लहुमागच्छह अज्जं मह पाहुणा होइ ।।५५।।
छाया:
अग्रतः गव्यतमात्रे सींहगुफा नाम्नाऽस्ति मम पल्ली।
तत्र शीघ्रमागच्छत अघ मम प्राघूर्णको भव ॥५५॥ अर्थ :- अहीथी गाउमात्रमा सिंहगुफा नामनी मारी पल्ली छे. त्यां जल्दी पधारो अने आजे मारा अतिथि बनो। हिन्दी अनुवाद :- यहाँ से गाउ मात्र ही सिंहगुफा नाम की मेरी पल्ली है वहाँ शीघ्र ही आप पधारें और आज हमारे अतिथि बनें। गाहा :
भणियं धणदेवेणं एवं होउत्ति ताहे सो सत्थो । धणदेव-मग्ग-लग्गो सीहगुहं झत्ति संपत्तो ॥५६।।
छाया:
भणितं धनदेवेनेवं भवत्विति ततः सः सार्थः ।
धनदेव-मार्ग लग्नः सिंहगुफां झटिति सम्प्राप्तः ॥५६॥ अर्थ :- धनदेव वड़े कहेवायु- 'भले ए प्रमाणे थाव' त्यारपछी ते सार्थ धनदेवने अनुसरेलो सींहगुफामां जल्दी आव्यो । हिन्दी अनुवाद :- धनदेव द्वारा कहा गया - ‘अच्छा इसी तरह हो' फिर वह सार्थ धनदेव के साथ सिंहगुफा में शीघ्र आया। गाहा :
आवासियस्स तत्तो वसिमासन्नम्मि सत्थ-लोयस्स ।
पल्ली-वईणा नीओ धणदेवो नियय-गेहम्मि ।।५७।। छाया:
आवासितस्य तत वासस्थानसमीपे सार्थ-लोकस्य ।
पल्ली-पतिना नीतो धणदेवो निजक-गृहे ॥५॥ अर्थ :- पल्लीपति पल्लिनी नजीक आवासने योग्य पोताना घरे सार्थना लोकोने तथा धनदेवने लई गयो। हिन्दी अनुवाद :- पल्लिपति पल्ली के पास आराम के योग्य अपने घर सार्थ के लोगों के साथ धनदेव को ले गया।
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