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अर्थ :- तेथी तेने बांधीने अक्षत देहवाळा तेने पल्लीपतिने सोंपीशु-जेथी आ वाणीओ, थणु धन आपो. हिन्दी अनुवाद :- अत: अक्षतांगवाले नायक को बांधकर पल्लीपति को अर्पित करेंगे, जिससे ये वणिक लोग हमें बहुत धन देंगे। गाहा :
तत्तो य तेहिं गंतुं पल्लीवइणो समप्पिओ एसो । एत्थंतरम्मि दिट्ठो धणदेवो देवसम्मेण ।।३४।।
छाया:
ततश्च तै-र्गत्वा पल्लिपतये समर्पित एषः ।
अत्रान्तरे दृष्टो धनदेवो देवशर्मणा ||३४|| अर्थ :- त्यारपछी तेओवड़े जईने पल्लिपतिने सोंप्यो एटलीवारमा देवशर्मा वड़े धनदेव जोवायो. हिन्दी अनुवाद :- तत्पश्चात् भिल्लों ने उसे पल्लिपति को अर्पित किया इतनी ही देर में देवशर्मा ने धनदेव को देखा। गाहा :
तत्तो य तेण भणिओ सदुक्खमेवं तु पल्लि-नाहस्स । हा ! हा ! सामिय ! एसो महाणुभावो स धणदेवो ।।३५।।
छाया:
ततश्च तेन भणितः सदुक्खमेवं तु पल्लिनाथाय ।
हा ! हा ! स्वामिक ! एषो महाणुभावो सो धनदेवः ||३५|| अर्थ :- अने त्यारपछी तरतज अत्यंतदुःखपूर्वक पल्लिपतिने आ प्रमाणे कहयु हा ! अरे ! स्वामि ! आ महानुभावतो ते धनदेव छे ! हिन्दी अनुवाद :- फिर अत्यंतदुःखपूर्वक पल्लिपति ने इस प्रकार कहा- हा ! अरे ! स्वामि ! यह महानुभाव तो धनदेव है ! गाहा :
जेण तया तुह तणओ जोगिय-गहिओवि मोइओ आसि ।
दाउं सुवन्न-लक्खं निक्कारण-वच्छलेणं तु ।।३६।। छाया :
येन तदा तव तनयो योगि-गृहीतोऽपि मोचित आसीत् ।
दत्वा सुपर्ण-लक्षं निष्कारण-वात्सलयेन तु ||३६॥ अर्थ :- जेना वड़े त्यारे तारो पुत्र योगिओवड़े ग्रहण करायेलो पणं लाख-सोनामहोरो आपीने निष्कारणा प्रेमवड़े छोडावायो हतो ! (ते आ धनदेव छे). हिन्दी अनुवाद :- योगियों से जब तेरा पुत्र अपहृत किया गया था तब लाख-सुवर्ण मुद्रा देकर निष्कारणा प्रेम से बचानेवाला यह धनदेव है !
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