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जैन-जगत्
(पुरस्कार एवं उपाधि)
आचार्य हेमचन्द्रसूरि पुरस्कार
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Marathi
जैन भाषाशास्त्र के शीर्षस्थ विद्वान् प्रो० हरिवल्लभ चू० भायाणी एवं जैन स्थापत्य और कला के मूर्धन्य विद्वान् प्रोफेसर मधुसूदन ढाकी को वर्ष १९९५-१९९६ का हेमचन्द्रसूरि पुरस्कार भोगीलाल, लहेरचन्द्र इन्स्टीट्यूट आफ इन्डोलोजी, दिल्ली के वल्लभ स्मारक काम्प्लेक्स में एक सादे समारोह में ८ जून १९९७ को प्रदान किया गया । यह पुरस्कार विख्यात उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री श्रेणिक कस्तूरभाई तथा इन्दिरा गांधी नेशनल सेंटर
आफ आर्ट्स के सचिव श्री मुनीष चन्द्र जोशी के करकमलों द्वारा प्रदान किया गया । इसी अवसर पर प्राकृत भाषा के समर स्कूल का समापन सत्र भी आयोजित किया गया था, जिसमें अनेक विद्वान् एवं गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से विद्वद्वय को हार्दिक बधाई। (२)
साहित्य पुरस्कार "कर्मवीर'' पत्रिका और “इस्टिट्यूट फॉर जैन सोशल स्टडीज, पुणे' ने दो साहित्य पुरस्कारों की घोषणा की है।
१. वीरानुयायी आ. भा.मगदुम पुरस्कार - २१००/- रु० २. लक्ष्मण आण्णाजी फलटणे पुरस्कार - ११००/- रु० यह दानों पुरस्कार हर वर्ष हिन्दी/मराठी/कन्नड/ गुजराती/ अंग्रेजी में निम्नलिखित विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों/लेखों पर दिये जायेंगे - १. जैन समाज, जातियां, उपजातियां आदि २. जैन इतिहास और संस्कृति ३. चरित्र और आत्मचरित्र कृपया प्रकाशित पुस्तकों/लेखों की एक-एक प्रति निम्नलिखित पतों पर भेजें - महावीर सांगलीकर, २. प्रोफेसर प्रदीप फलटणे, संचालक, कर्मवीर,
संचालक, इन्स्टिट्यूट फॉर २०१, मुंबई - पुणे मार्ग
जैन सोशल स्टडीज, चिंचवड पूर्व, पुणे ४११ ०१९. १६३, यशवंत नगर, तलेगांव स्टेशन
पुणे - ४१० ५०७
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