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१४१ : श्रमण/जुलाई-सितम्बर/ १९९७
. पार्श्वनाथ विद्यापीठ को भेंट में प्राप्त पुस्तकों का विवरण
१. स्तुति सरोज
- आचार्य श्री विद्यासागर जी २. स्तुति शतक
- आचार्य श्री विद्यासागर जी ३. पूर्णोदय शतक
- आचार्य श्री विद्यासागर जी ४. आकिंचन्य : एक अनुचिंतन
- आचार्य श्री विद्यासागर जी ५. कर विवेक से काम
- आचार्य श्री विद्यासागर जी ६. सर्वोदय शतक
- आचार्य श्री विद्यासागर जी ७. श्रमण परपरामां आदर्श संत __ जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज - डॉ० बारेलाल जैन ८. युगपुरुष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज - प्रो० शीलचन्द्र जैन ९. जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर (पुष्प-१) - श्री तिलोक मुनि जी म. सा. १०. जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर (पुष्प-२) - श्री तिलोक मुनि जी म.सा. ११. धर्म नुं अंजन कर्मनं मंजन । याने षोडशक भाषानुवाद
- मुनि श्रीकल्पयशविजय जी म. सा. १२. सम्राट अशोक : एक पुनर्मूल्यांकन - डॉ० परमानन्द सिंह १३. विद्या शतक
- प्रो० शीलचन्द्र जैन १४. परमात्मा होने का विज्ञान
- बाबूलाल जैन १५. प्राकृत एवं जैन विद्या शोध सन्दर्भ - डॉ० कपूरचन्द जैन १६.दिव्यध्वनि (आ. श्री विद्यासागर विशेषाकं) वर्ष १५
- मानद संपादक-श्री प्रकाश शाह १७. दिव्यध्वनि (पू. श्री गणेश प्रसाद वर्णी विशेषांक) वर्ष १६
- मानद संपादक-श्री प्रकाश शाह १८. दिव्यध्वनि (जीवन संगीत)
- प्रेरक-श्रद्धेय श्री आत्मानन्द जी १९. राजस्थान के आधुनिक महाकवि
आ० श्री ज्ञानसागर जी और उनकी साहित्य साधना
- मुनि क्षमासागर २०. महाकवि आचार्य ज्ञानसागर जी रचित शोधविषयक शीर्षक
- प्रेरक-मुनि श्री सुधासागर जी
महाराज
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