Book Title: Sramana 1994 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 10
________________ 8 : डॉ0 राजीव प्रचण्डिया 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26. 27. 28. ( क ) तत्त्वार्थ राजवार्तिक, 9,1,12 योगशास्त्र, प्रकाश, 12 (ख) (ग) ज्ञानसार, मोहाष्टक, विद्याष्टक, तत्त्वदृष्टि- अष्टक (घ) कार्तिकेयानुप्रेक्षा, मूल 192 ( क ) (ख) उत्पत्ति-प्रकरण, सर्ग 117 118-126, निर्वाण 120-126 पातंजलि योगसूत्र, पाद 1, सूत्र 36, पाद 3 सूत्र 48-49 का भाष्य, पाद 1, सूत्र 1 की टीका प्रो. सि. वि. राजबाड़े सूत्र 22, पृ. 15, सू. 34, पृ. 4, सूत्र 48, पृ. 10 (क) (ख) सम्पादित मराठी भाषान्तरित मज्झिमनिकायसूत्र, 6, पृ. 2, पंचसंग्रह, प्राकृत, 1/3 गोम्मटसार, जीवकाण्ड, मूल, 8/29 ( क ) षट्खण्डागम, 1/1, 1/ सूत्र 9-22/161-192 (ख) राजवार्तिक, 9/1/11/588/8 (ग) मूलाचार, 1195-1196 ( क ) (ख) अध्यात्ममतपरीक्षा, गाथा 125 योगावतारद्वात्रिंशिका तत्त्वार्थसूत्र, अध्याय 9 सूत्र 29 (क) (ख) (ग) (क) (ख) सर्वार्थसिद्धि, 9/6 (ग) तत्त्वार्थसार, 6 / 18 (घ) राजवार्तिक, 9/19/18 ध्यानशतक, गाथा, 63-64 आवश्यक हरिभद्रीटीका, पू. 602 तत्त्वार्थसूत्र, अ. 9, सूत्र 35-40 उत्तराध्ययनसूत्र, 20/6 (ङ) चारित्रसार, 133/4 (च) पद्मनन्दि पंचविंशतिका, 1/98 (क) (ख) तत्त्वार्थ सूत्र, 1 / 2,4 पंचास्तिकाय, 2/108 उत्तराध्ययनसूत्र, 28/30-14 (ग) (घ) दर्शनपाहुड, 19 (ङ) पंचसंग्रह, प्राकृत, 1/159 (च) (छ) (ज) वसुनन्दिश्रावकाचार, 10 (झ) धवला, 1/1, 4 मूलाचार, 203 द्रव्यसंग्रह, 41 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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