Book Title: Sramana 1994 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 47
________________ साभार प्राप्ति १. पुस्तक - आत्म खोज, लेखक - बी० रमेश जैन, संस्करण - तृतीय १९९४, प्रकाशक - गादिया मदनलाल ज्ञानोन्मुख ट्रस्ट, श्री भीकमचन्द जुगराज गादिया जैन, २ पुलीयार कोयल स्ट्रीट (शूले ), अशोक नगर, बैंगलोर-५६० ०२५ । 2. Book - A Path to Self-Realisation, Compiled by B. Ramesh Jaina, Translation : Prof. Pratap Kumar J. Tolia, Edition : Second 1994, Price : Rs. 5.00, Publisher : Gadiya Madanlal Education Trust, Sri Bhikamchand Jugraj Gadia Jain, 2, Polyar Koil Street, Ashok Nagar, Bangalore - 560 025. ३. पुस्तक - ‘अमूर्त शिल्पी आचार्य श्री विद्यासागर : व्यक्तित्व और विचार, लेखकमुनि क्षमासागर। ४. पुस्तक - स्तुति सरोज, लेखक - आचार्य श्री विद्यासागर मुनि महाराज, प्रकाशक - सिंघई ताराचन्द जैन बांझल, राजेश दाल मिल, पथरिया, दमोह, मध्य प्रदेश, संस्करण - प्रथम १९९४। प्रस्तुत कृति में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा पथरिया चातुर्मास के अवसर पर आयोजित त्रैलोक्य तिलक महामण्ड विधान के अवसर पर रचित स्तुतियों को संग्रहीत कर स्तुति सरोज' के नाम से प्रकाशित किया गया है। इन स्तुतियों में आचार्य शान्तिसागर जी म०, आचार्य वीर सागर जी म०, आचार्य शिवसागर जी महाराज, आचार्य ज्ञानसागर जी म० के प्रति लेखक ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस कृति के अध्ययन से धर्मानुरागी जन लाभान्वित होंगे। ५. पुस्तक - पंचकल्याण गजरथ समीक्षा, लेखक - मुनि श्री १०८ सरलसागर महाराज, प्रकाशक - श्री कपूर जैन, देवरी (सागर), म० प्र०, पिन - २७० २२६, संस्करणप्रथम १९९४, आकार - ?, मूल्य - स्वाध्याय । ६. पुस्तक - आखिर हमें भ्रान्ति क्यों ? संकलनकर्ता - घेवरचन्द गोदीका, प्रकाशक- घेवरचन्द गोदीका, ६३९, सिरमौर हाउस, किशनपोल बाजार, जयपुर-३०२ ००३, संस्करण -१९९४। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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