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दरवाजा तेरा खोल खोल रे, हम दरीशन आये दोड दोड रे,
दरवाजा.१ पूजा करूंगा में तो धूप धरूंगा, फूल चढाउंगा मोल मोल रे.
दरवाजा.२ थे मेरा ठाकर में तेरा चाकर, एकवार माशुं बोल बोल रे.
दरवाजा.३ शत्रुजय मंडन सुंदर मूरत मुख९ ते झाकम झोल झोल रे.
दरवाजा.४ रूप विबुधनो मोहन पभणे, रंग लाग्यो चित्तमां चोल चोल रे.
दरवाजा.५ ५५. मनवसी मनवसी मनवसी... मनवसी मनवसी मनवसी रे, प्रभु तारी मूर्ति माहरे मन वसी रे. जिम हंसा मन वाहली गंग, जिम चतुर मन चतुरनो संग, जिम बालकने मात उछंग, तिम मुजने प्रभु साथे रंग,
मन वसी.१ मुख सोहे पूनमनो चंद, नयन कमल दल मोहे इंद, अधर जिस्या परवाला लाल, अर्ध राशि सम दीपे भाल,
मन वसी.२ बाह्यडी जाणे नाल मृणाल, प्रभुजी मेरो परम कृपाल, जोतां को नही प्रभुनी जोड, पूरे त्रिभुवन केरा कोड.
मन वसी.३
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