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एवो तुज महिमा ज्ञानीओ भाखे, सिद्धाचल भेटी भव्य पद पाउं, गिरि गुण गाता अति हरखावु, कामी कषायी दुराचारी बने छे शिवसुखना अधिकारी, प्रभाव तारो एवो छे न्यारो, ण जगने उद्धारनारी. सीमंधरस्वामी एम ज बोले, कोइ तीरथ नहीं सिद्धाचल तोले. आदिनाथ आदिनाथ धून हुं जगाउं, मेला आतमनो मेल धोवराउं; दर्शन पायो श्री संघ साथे, मुक्तिनुं तिलक करो निज हाथे .
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४३. मंगलकारी पावनधाम
(राग - रघुपति राघव )
मंगलकारी पावनधाम ! तारुं नाम छे हे भगवान, तारुं नाम छे हे भगवान, पापोनुं ते पूर्ण विराम. रखडी रझली जे कोइ आवे, भाव धरीने शीश नमावे, आपे छे तेने आराम, तारूं नाम छे हे भगवान, मंगल० १ कृत्य करेल जे छुपावे, रडता हैयै जो बतावे, कापे तेना कर्म तमाम ! तारुं नाम छे हे भगवान, मनमांथी जे मदने त्यागे, नम्र बनीने शरणुं मांगे,
मंगल० २
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