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नवाणुंयात्रा की विधि
पांच चैत्यवंदन के स्थल जय तलेटी चैत्यवंदन. श्री शांतिनाथ चैत्यवंदन. श्री रायणपगला चैत्यवंदन. श्री पुंडरिक स्वामी चैत्यवंदन. श्री आदिनाथ दादा चैत्यवंदन, __ घेटी पगले जाकर, दूसरी यात्रा करे तो.... घेटीपाग का चैत्यवंदन... बाकी ४ पूर्व की तरह. पांचों स्थलों में एकबार स्नात्र. रथयात्रा, ९९ प्रकारी पूजा, भव्यअंगरचना प्रतिदिन ३ प्रदक्षिणा, १ बार १०८ प्रदक्षिणा. एकबार १०८ लोग० का काउ, शक्ति हो तो चोविहार छठ्ठ करके ७ यात्रा. घेटी पाग, रोहिशाला, शेव्रुजी नदी से १-१ बार यात्रा. १.५ गाउ, ३ गाउ, ६ गाउ, १२ गाउ की प्रदक्षिणा. नवबार नवढूंक दर्शन ९ चैत्यवंदन. बाकी सब चातुर्मासिक आराधना की तरह करें.
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