Book Title: Siddhachal Vando Re Nar Nari
Author(s): Mahendrasagar
Publisher: Mahendrasagar

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Page 193
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra हमारे प्रकाशन www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १. मुक्तिना मंगल प्रभाते श्रावक के बारह व्रतों का रोचक विवेचन (गुजराती) २. मुक्ति का महल श्रावक के बारह व्रतों का सरल व रोचक शैली में विवरण (हिन्दी) ३. गुरु कैलासना चरणे चारित्र चूडामणि आ. श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी म.सा के जीवन की संक्षिप्त झलकियाँ (गुजराती) ४. श्रीमाली वंशनो इतिहास । विद्याधर कुल भूषण आचार्य श्री स्वयंप्रभसूरि म. द्वारा महाजन संध, श्रीमालीवंश और प्राग्वाट्वंश की स्थापना कब कहाँ, कैसे और क्यों की गई ? उसका इतिहास । (गुजराती) ५. जिनगुण सरिता वर्तमान चौबीसी के प्रत्येक तीर्थंकरों के चैत्यवंदन, स्तवन, स्तुतियों और सज्झायों का संग्रह (गुजराती) ६. बुढ़िया का पिटारा जीवन्त संदेश देने वाली और हृदय को छु जानेवाली छोटी छोटी बातों को बड़े रूप में समझानेवाली जीवनोपयोगी किताब (हिन्दी) ७. आओ, सुक्तियों की बगिया में चलें (द्वितीय संस्करण) प्रेरणात्मक सुक्तियों का आकर्षक संकलन (हिन्दी) ८. श्री पद्म-वर्धमान संस्कृत धातु रुपावली भाग-१,२ संस्कृत भाषा में प्रवेश करने वालों के लिए यह प्रथम द्वार है । (संस्कृत) ९. श्री बुद्धि-योग स्वाध्याय सागर योगमार्ग के अभ्यासियों के लिए आचार्य श्री हरिभद्रसूरि कृत योग ग्रंथों का सरल गुजराती अनुवाद. (प्राकृत संस्कृत, गुजराती) १०. प्रिय शिक्षाएँ धर्म श्रद्धा एवं अंतरंग सत्व को बढ़ाने वाली और पाप वृत्ति घटाने वाली सर्व हितकर शिक्षाओं का सरलतम विvate and Personal Use Only

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