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आपे तुज चरणोमां स्थान, तारुं नाम छे हे भगवान मंगल० ३ जगने भूली जे जीव आवे, मस्त बनीने तुजने ध्यावे, आपे तेने अक्षय धाम, तारुं नाम छे हे भगवान, मंगल० ४
४४. भक्ति भर्यु हैयुं ने ...
(राग - चपटी भर चोखाने)
भक्ति भर्यु हैयुंने शुद्ध करी भावना, जीवन सफल करी, चालो रे चालो सिद्धाचल जइए रे.
दादाना देहरा शोभे, डुंगरीये वंदन करवा जइए रे. चालो . पतित पावन भूमि सिद्धिगिरराजनी,
ध्यान हृदय धरी लइए रे... चालो . कण कण जेनो शक्ति देनारो, भावे भक्ति करी लइए रे... चालो . शाश्वत तीरथ शोभे जगतमां, दर्शनथी निर्मल थइए रे... चालो . भावथी आवे ते कर्म खपावे, उज्जवल मन करी लइए रे... चालो भक्तो तमारा गीतडा गावे,
गिरिवर शरणे जइए रे.. चालो .
४५. यह है पावन भूमि
यह है पावन भूमि, यहां बार बार आना,
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आदिनाथ के चरणों में आकर के झूक जाना. तेरे मस्तक में मुगट है... तेरे कानोमें कुंडल है,
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