Book Title: Siddhachal Vando Re Nar Nari
Author(s): Mahendrasagar
Publisher: Mahendrasagar
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४. गिरिवर प्यारोने मोतीडे वधावो गिरिवर प्यारोने मोतीडे वधावो सोनारूपाने फूलडे वधावो.... इण गिरिवरना स्पर्शन करता भवोभव केरा पाप ने खपावो. ईण गिरिवरिये सिद्धा अनंता सोना रूपानी आंगीओ रचावो. ईण गिरिवरखें ध्यान धरता आंतर बाह्य शत्रुओ हरावो.... सीमंधर स्वामी महिमा भाखे त्रण भुवनमां तीरथ नहि आवो....
५५. आज मारा शत्रुजयमां
(राग - आज मारा देरासरमां) आज मारा शत्रुजयमा(२), मोती लइने वरस्या रे, ए गिरिवरने जोतां जोता(२) हैया सहुना हरख्या रे.
आज मारा० थाल भरीने चोखा लइने, सिद्धाचलमां आव्या रे, प्यारो प्यारो गिरिराज वधावी(२) आनंदसागर उमट्यो रे.
आज मारा० मोंघा मूला मोती लइने, ए गिरिवर वधाव्या रे, ए तीरथनी यात्रा करता(२) हैया पावन थाय रे.
आज मारा०
१४०
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194