Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Jain Shwetambar Panchyati Mandir Calcutta

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Page 4
________________ श्री जैन श्वेताम्बर पंचायती मंदिर पूर्वांचल की सांस्कृतिक राजधानी कलकत्ता भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के समय राजधानी रह चुका है। पूर्वी भारत के अनिश्राकृत जिनालयों में यहाँ पर स्थित श्री जैन श्वेताम्बर पंचायती मंदिर का महत्वपूर्ण स्थान है। सर्वप्रथम धीरज सिंहजी श्रीमाल ने अपने घर में देरासर की स्थापना की। बाद में उन्होंने अपना मकान श्री संघ को भेंट कर दिया जिसे श्री संघ ने सं० १८६१ में विशाल द्वितल शांतिनाथ जिनालय का रूप दिया। इस मंदिर में दूसरे तल्ले में भगवान ऋषभदेव तथा महावीर स्वामी आदि तीर्थंकरों की चौमुख प्रतिमा विराजमान है। भगवान पार्श्वनाथ स्वामी, मुनिसुव्रत स्वामी, पद्मप्रभ स्वामी, नवपदजी, सीमंधर स्वामी, शांतिनाथ स्वामी व दादासाहब की वेदियाँ बनी हुई हैं। अष्टापदजी का भाव बड़ा ही आकर्षक है। गौतम स्वामी, सुधर्मास्वामी, अधिष्ठाता आदि अनेकशः विराजमान हैं। पद्मावती देवी, चक्रेश्वरी देवी की युग्म मूर्तियाँ स्थापित हैं। यह श्री जैन श्वेताम्बर पंचायती मन्दिर कहलाता है और ट्रस्ट बोर्ड के अधीन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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