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श्रावकाचार -
- संग्रह
की
विषय-सूची
रत्नकरण्ड श्रावकाचार
मंगलाचरण और सम्यग् धर्म-कथनकी प्रतिज्ञा
सम्यग्दर्शन, आप्त और शास्त्रका स्वरूप गुरुका स्वरूप
सम्यग्दर्शनके आठों अंगों का स्वरूप तीन मूढताओंका और आठ मदोंका वर्णन सम्यग्दर्शनकी महिमा
सम्यग्ज्ञान और चारों अनुयोगोंका स्वरूप सम्यक चारित्र और उसके भेदोंका स्वरूप श्रावकके बारह व्रतोंका नाम-निर्देश पाँच अणुव्रतों का स्वरूप और उनके अतीचार तीन गुणव्रत और उनके अतीचार चार शिक्षाव्रत और उनके अतीचार
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सल्लेखनाका स्वरूप और अतीचार तथा फल धर्मका फल - वर्णन
ग्यारह प्रतिमाओं का वर्णन ग्रन्थका उपसंहार
२. स्वामिकार्त्तिकेयानुप्रेक्षागत श्रावक-धर्म श्रावकके बारह भेदोंका वर्णन दर्शन श्रावकका वर्णन व्रत-श्रावकका विस्तृत वर्णन सामायिक व्रती श्रावकका वर्णन प्रोषधव्रती श्रावकका वर्णन सचित्त विरत श्रावकका वर्णन
रात्रि - भोजन-विरन श्रावकका वर्णन ब्रह्मचारी श्रावकका वर्णन आरम्भ-विरत श्रावकका वर्णन
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पू. सं. १-९९
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