Book Title: Shraddh Vidhi Author(s): Ratnashekharsuri Publisher: Jain Bandhu Printing Press View full book textPage 5
________________ ( २ ) विषयांक विषय का नाम. १० नाम, स्थापना, द्रव्य और भाव ये चार प्रकारके श्रावकका स्वरूप, मूल गाथा ४ १९ व्रतश्रावक पर सुरसुंदर कुमारकी स्त्रियोंकी कथा १२ श्रावक से त्रिविधत्रिविधप्रकारके पश्च्चखान क्यों नहीं होता ? इस सम्बन्ध में प्रश्नोत्तर १३ मातपितासमान आदि दो तरह से चार प्रकार के श्रावक और उसका द्रव्यभावभेद १४ श्रावकशब्दका अनेक तरह से अर्थ दिनकृत्य प्रकाश. १ १५ श्रावकने प्रातः किस वक्त उठना ? और उठकर क्या करना १, मूलगाथा ५ १६ पृथ्वी आदि पांच तत्वोंका तथा चन्द्रसूर्यनाडीका स्वरूप और उससे होनेवाला फल १७ नवकार गिनने की विधि १८ जाप करने की विधि व उसके लाभ १९ नवकार गिननेका फल और उसपर शिवकुमार और वटशबलिकाका दृष्टान्त २० धर्मजागरिका करने की विधि २१ रात्रि में हुए कुस्वप्नदुःस्वप्न के नाशके लिये करने के कास्की विधि पृष्ठांक. १२१ १२३ १२४ १२५ १८२ १३० १३३ १३६ १३८ १४३ १४४ १४६.Page Navigation
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