Book Title: Shikshan Aur Charitra Nirman
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Vijaydharmsuri Granthmala

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Page 13
________________ ( १० ) उदाहरण के तौर पर-जैसे सिनेमा। कौन नहीं जानता कि चोरी, झूठ, प्रपंच, व्यभिचार आदि संसार की सारी बुराइयां सिनेमा सिखाता है ? जहां हमारी संस्कृति माता बहन और युवती पुत्री के साथ, एक आसन पर बैठने का पुत्र, भाई और पिता को भी निषेध करती है, वहां किसी भी स्त्री के साथ, किसी भी प्रकार बैठने, घूमने और सैर बिहार करने की प्रवृत्ति कहां से चली ? जहाँ कुलशील की समानता और भिन्न गोत्र को देख कर विवाह शादियां करने की संस्कृति थी, वहां हर किसी के साथ हर किसी समय और हर किसी प्रकार सम्बन्ध (लग्ननहीं) जोड़ कर वर्ण संकर प्रजा उत्पन्न करने को किसने सिखाया ? जहां किसी भी पर-स्त्री के सामने नेत्र से नेत्र मिला कर बात करना भी अनुचित समझा जाता था, वहां जवान लड़के लड़कियों को एक साथ बैठना, हँसी मजाक करना, एक बैंच पर बैठ कर पढ़ना, एक साथ सिनेमा देखने को जाना इत्यादि बातें किसने सिखायीं ? जहां माता, पिता, गुरु, अतिथि आदि पूज्यों को देव समझ कर उनके प्रति बहुमान रक्खा जाता था, उनके साथ विवेक और विनय पूर्वक बातचीत की जाती थी, वहां आज उनका अपमान किया जाता है। उनके प्रति युद्ध किया जाता है, उनके ऊपर मुकदमे किये जाते Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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