Book Title: Shatkhandagama Pustak 10
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 15
________________ ( ८ ) क्रम विषय १८ अनन्तरोपनिधामें अवस्थितभागहारादि ४ भागद्दारों के द्वारा योगस्थानजीवोंका प्रमाण १९ परम्परोपनिधामें प्ररूपणा, प्रमाण और अल्पबहुत्व इन ३ अनुयोगद्वारोंका उल्लेख २० अवहारकालकी प्ररूपणा २१ भागाभाग व अल्पबहुत्वका कथन २२ अन्तिम गुणहानिस्थानान्तर में रहनेका कालप्रमाण २३ नारकभव के अन्तिम समय में स्थित होनेपर ज्ञानावरणीयकी उत्कृष्ट वेदनाका विधान षट्खंडागमकी प्रस्तावना २४ संचित उत्कृष्ट ज्ञानावरणद्रव्य के उपसंहारकी प्ररूपणा में संचयानुगम, भागहारप्रमाणानुगम और समयप्रबद्धप्रमाणानुगम इन तीन अनुयोगद्वारों में संचयानुगमका निरूपण २६ मोहनीयकी भागहारप्रमाणानुगम २५ भागद्दारप्रमाणानुगम में प्ररूपणा आदि ६ अनुयोगोंके द्वारा निषेकरचनाका निरूपण नानागुणहानि शलाकाओं का प्रमाण २७ ज्ञानावरणीयादि अन्य कर्मोकी नानागुणहानिशलाकायें २८ नानागुणहानिशलाकाओं का अल्प बहुत्व २९ आठ कर्मों की अन्योन्याभ्यस्त राशिका अल्पबहुत्व Jain Education International पृष्ठ ६६ E* ७६ ९५ १११ ११३-२०१ ९८ १०९ ११४ ११८ ११९ १२० १२१ ३० संदृष्टिरचनापूर्वक समयप्रबद्ध के अवहारकी प्ररूपणा १२२ ३१ भागाभाग व अल्पबहुत्वका कथन १४१ ३२ चारित्रमोहनीयकी क्षपणा में आई विषय हुई वीं मूलगाथा सम्बन्धी चार भाषगाथाओं में से तीसरी भाषगाथाके अर्थकी प्ररूपणा ३३ कर्मस्थिति के द्वितीय समय सम्बन्धी संचयका भागद्दार ३४ तृतीय समयमें बांधे गये समयप्रबद्ध के संचयका भागद्दार ३५ एक समय अधिक गुणहानि ऊपर जाकर बांधे गये समयप्रबद्ध के संचयका भाग हार ३६ दो समय अधिक गुणहानि ऊपर जाकर बांधे गये समयप्रबद्ध के संचयका भागहार क्रम ४६ ज्ञानावरणीयकी अनुत्कृष्ट द्रव्यवेदनाका कथन करते हुए अनन्त पृष्ठ For Private & Personal Use Only १४३ 99 १४७ १६६ ३७ तीन समय आदिसे अधिक गुणदानि ऊपर जाकर बांधे गये समयप्रबद्ध के संचयका भागद्दार १६९ ३८ दो गुणहानि मात्र अध्वान जाकर बांधे गये द्रव्यके संचयका भागहार ३९ एक समय अधिक दो गुणहानियां जाकर बांधे गये द्रव्यका भागद्दार १७० ४० दो समय अधिक दो गुणहानियां जाकर बांधे गये द्रव्यका भागद्दार १७१ ४१ तीन गुणहानियां जाकर बांधे गये द्रव्यका भागद्दार १७२ ४२ चार गुणहानियां जाकर बांधे गये द्रव्यका भागहार ४३ पांच गुणहानियां जाकर बांधे गये द्रव्यका भागहार ४४ उक्त भागहारकी अन्य प्रकार से प्ररूपणा ४५ आबाधाके भीतर बांधे गये समयप्रबद्धों के उत्कर्षण द्वारा नष्ट हुए द्रव्यकी परीक्षा १६८ 35 १७५ १७८ १८१ १९४ www.jainelibrary.org

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