Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ कंचणमणिसोवाणं थंभसहस्सूसियं सुवण्णतलं / जो कारिज्जइ जिणहरं तओ वि तवसंजमो अहिओ // 1246 // पोसेहि सुहे भावे असुहाई खवेइ नत्थि संदेहो / छिंदइ नरयतिरिगइ पोसहविहिअप्पमत्तो य // 1247 // सामाइअसामग्गिं अमरा चिंतंति हिययमज्झम्मि / जइ हुज्ज पहरमिक्कं ता अम्ह देवत्तणं सहलं // 1248 // पोसहमसुहनिरंभण-मपमाओ अत्थजोगसंजुत्तो। दव्वगुणट्ठाणगओ एगट्ठा पोसहवयस्स // 1249 // सत्तहत्तर सत्तसया सतहत्तरि सहस सत्तकोडीओ / सगवीसं कोडिसया नव भागा सत्त पलियस्य // 1250 // अपडिलेहिय अपमज्जियं च सिज्जाइ थंडिलाणि तहा / सम्मं च अणणुपालण 5 मइयारा पोसहे पंच // 1251 // तेहिं लोइयपव्वतिहि-वज्जओ भोयणम्मि वेलाए / संपत्तो गुणजुत्तो साहू वा सड्ढओ भणिओ . // 1252 // तस्स य जो संभागो निरवज्जाहारवत्थपत्तवत्थूणं / / जो अइहिसंविभागो विण्णेयो निच्चकरणिज्जो // 1253 / / सच्चिते निक्खिवणं सचित्तपिहणं च अन्नववएसो / मच्छरियं तह काला-इक्कममिइ पंच अइयारा . // 1254 / / साहूण कप्पणिज्जं जं न वि दिन्नं कहं पि. किंचि तहिं / धीरा जहुत्तकारी सुसावगा तं न भुंजंति // 1255 // वसहीसयणासणभत्तपाणभेसज्जवत्थपत्ताइ / जइ वि न पज्जत्तधणो थोवा वि हु थोवयं देइ // 1256 // इहपरलोयासंसा जीवियासंसा य मरणआसंसा। तह कामभोगासंसा अइयारा पंच संलिहणे // 1257 // 249

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