Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ एए च्चिय पुव्वाणं पुव्वधरा सुप्पसत्थसंघयणा / दुण्ह सजोगाजोगासुझाणपराण केवलिणो // 1378 // झाणोवरमे वि मुणी निच्चमनिच्चाई चिंतणापरमो / होइ सुभावियचित्तो धम्मझाणेण जो पुव्विं // 1379 / / हुति कम्मविसुद्धाओ लेसाओ पम्हपीयसुक्काओ / धम्मझाणोवगयस्स तिव्वमंदाइभेयाओ . // 1380 // आगमउवएसाणा-निसग्गओ जं जिणप्पणीयाणं / भावाणं सद्दहणं धम्मझाणस्स तं लिंग // 1381 / / जिणसाहुगुणकित्तण-पसंसणादाणविणयसंपत्तो / . . सुयसीलसंजमरओ धम्मझाणी मुणेयव्वो // 1382 // अह खंतिमद्दवज्जव-मुत्तीओ जिणमयप्पहाणाओ। . आलंबणाहिं जेहि उ सुक्कझाणं समाहेइ // 1383 // तिहुयणविसयं कमसो संखिविऊ मणं अणुम्मि छउमत्थो / झायइ सुनिप्पकंपो झाणं अमणो जिणो होइ . // 1384 // जह सव्वसरीरगयं मंतेण विसं णिरुंभए डंके। तत्तो पुणो वि णिज्जइ पहाणतरमंतजोगेण // 1385 // तह तिहुयणतणुविसयं मणोविसं मंतजोगबलजुत्तो / परमाणुम्मि निरंभइ अवणेइ तओ वि जिणविज्जो // 1386 // ओसारिइंधणभरो जह परिहाइ कमसो हुयास व्व / थोवेंधणोवसेसो निव्वाइ तओवणीओ य // 1387 / / तह विसइंधणहीणो मणोहुयासो कमेण तणुअम्मि। . विसइंधणे निरंभइ निव्वाइ तओवणीओ य // 1388 // तोयमिव नालियाए तत्तायसभायणोदरत्थं वा / . परिहाइ कमेण जहा तह जोगिमणोजलं जाण . // 1389 // 20.

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