Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 02
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 284
________________ भिन्नमास लहुमासो गुरुमासो चउलहुय चउगुरुया / छम्मासलहुय छम्मासे गरुयं निव्वियाईणं सन्ना य // 1558 / / निव्वियं तह पणगं पुरिमड्ड कुंडलं च मासलहुं / एगासणं च सुण्णं मासगुरू हुंति एगट्ठा // 1559 // पण कुंडलसुण्णंबिल खमणाणं जह कमेण परिमाणं / पायजुएक्क १।दुअद्धं 2 // पण५ दस 10 वीसा 20 तह विसोया // 1560 // नि 1 पु 2 ए 1 आं 1 उ 1 कल्लाणं पणकल्लाणं च हुंति तग्गुणणे / दो आयामा निव्वियाणि तिन्नि चउगुरु मासा // 1561 // दो लहुया दो गुरुया दो छग तिन्नेव दो वि गुरुलहुया / अद्धदुगा एगभत्ता दसतिगअवड्डबारसगं // 1562 // चउवीसं पोरसीया नवकारसीयाण हुंति पणयालं / अट्ठ य मुक्कलनिव्विय एगोवासेण नायव्वा // 1563 // सुन्नं तह पणवीसा मुकल इगं 1 लिपी 0 दुं 2 पण 5 तिगा य 3 / चउ 4 चउ 4 धी पण 5 छग 66ii सग७ कल्लं५ पंचकल्लाणं 25 / / 1564 // मज्झण्हं पुव्वण्हं कालाइक्कमयं लहुं / विलंबो सड्ढकालो य एगट्ठा पुरिमवड्डस्स // 1565 // पाओ मुणी सहावो पाणाहारो सुभोयणं / . आरोग्गं खंतिउक्किट्ठ एगट्ठा एगभत्तस्स . // 1566 // अरसं विरसं लूहं तिप्पायं साहुकम्ममिटुं च / निम्मायं पोल्लरयं पोलरयं एगट्ठा निव्विगइयस्स // 1567 // अंबिल नीरसजलं दुप्पायं धाउसोसणं / कामग्घं मंगलं सीयं एगट्ठा अंबिलस्सावि // 1568 // मुत्तो समणो धम्मो निप्पावो उत्तमो अणाहारो / चउप्पाओ भत्तट्ठो उववासो तस्स एगट्ठा // 1569 // 275


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