Book Title: Shantinath Purana
Author(s): Asag Mahakavi, Hiralal Jain, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Lalchand Hirachand Doshi Solapur

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Page 10
________________ शान्तिनाथ के द्वारा जो धर्मोपदेश कराया गया है वह तत्त्वार्थ सूत्र और उसकी सर्वार्थसिद्धि टीका का ऋणी है । रचना बहुत सुन्दर और सरल है । पं० पन्नालालजी साहित्याचार्य ने उसका हिन्दी अनुवाद भी सुन्दर किया है । इतना ही नहीं, उन्होंने ग्रन्थ के क्लिष्ट संस्कृत शब्दों पर संस्कृत में टिप्पण भी दे दिये हैं, जिनसे संस्कृत प्रेमी पाठक लाभान्वित होंगे । ( ७ ) जीवराज जैन ग्रन्थमाला सोलापुर से उसका प्रकाशन प्रथमबार हो रहा है आशा है स्वाध्याय प्रेमी पाठक उसे रुचि पूर्वक पढेंगे । हम कमल प्रिन्टर्स के आभारी हैं जिन्होंने यथाशीघ्र इसका मुद्रण किया है । श्री ऋषभ जयन्ती वी० नि० सं० २५०३ Jain Education International } For Private & Personal Use Only - कैलाशचन्द्र शास्त्री. www.jainelibrary.org

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