Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007 Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 8
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ सरल और सादा जीवन जीते हुए वहाँ से आयुपूर्ण करके प्रथम स्वर्ग से आयु पूर्ण करके श्रीक्षेन का जीव वैतादय श्रीसेन और अभिनन्दिता के जीव प्रथम स्वर्ग में देव बने। पर्वत पर अमिततेज नामक विद्याधर राजा बना। aaoor विशाल और रानी अभिनन्दिता का जीव (आत्मा) श्रीविजय नामक राजा बना। राजा अमिततेन की एक छोटी बहिन थी सुतारा। अमिततेज उसे बहुत प्यार करते थे। उन्होंने सुतारा का विवाह श्रीविजय राजा के साथ कर दिया। बात SANMAAN GAVAN KAPOSE || IDEAlain Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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