Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007 Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 9
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ एक बार श्रीविनय नरेश, रानी सुतारा के साथ वन-विहार कर रहे था अग्निघोष नामक विलपर आकाश मार्ग से कहीं जा रहा था। उसकी दृष्टि सुतारा पर पड़ी तो वह उसकी सुन्दरता पर आसक्त हो गया। COM (मैं इस सुन्दरी को उठाकर अपने महलों में ले चलँ? 1510 Rangle GHoli SONG-6 purnea ATINTM RAVATIVE ECE VODA "2rgacynarasi विद्याधर ने सुन्दर मृग शिशु का रूप धारण किया और रानी के सामने से कुलाँचे भरता हुआ निकला। SPEOS का SU ओह ! कितना सुन्दर मृगछोना है। महाराज, इसे मेरे लिए पकड़ कर लाइये न! राजा मृग शिशु को पकड़ने चला गया। पीछे से अग्निघोष विद्याधर सुतारा को विमान में बैठाकर भगाकर ले गया। बचाओ! बचाओ! कोई बचाओ! यह दुष्ट मुझे उठाकर ले जा रहा है। दुष्ट मुझ DOYOOO O YAL an estucation intematonaPage Navigation
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