Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 16
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ 'युवा होने पर वज्रायुध का विवाह लक्ष्मीवती । नाम की राजकन्या के साथ हो गया। कुछ समय बाद राजा क्षेमंकर ने वज्रायुध को राज्य सौंपकर दीक्षा ले ली। एक दिन वज्रायुध राजदरबार में बैठे थे तभी अस्त्रागार के रक्षक ने सूचना दी। महाराज की जय हो। आयुधशाला में चक्र रत्नमें प्रकट हुआ है TODA वज्रायुध चक्ररत्न के साथ भरत क्षेत्र के छ: खण्डों पर विजय करने निकल पड़े। छ: खण्डों की विजय यात्रा पूर्ण करके उन्होंने चक्रवर्ती पद प्राप्त किया। | कई हजार वर्षों तक राज्य करने के बाद चक्रवर्ती वज्रायुध ने राज्य त्याग कर दीक्षा ले ली। (चक्रवर्ती सम्राट वज्रायुध की जय हो! Fore hortha.co000001 Boochne PROGRAMOana SIR) RR ASIA वे तप साधना में लीन रहने लगे। आयु पूर्ण होने पर अनशन करके समाधि पूर्वक प्राण त्यागे। और तीसरे देवलोक में देव बने। # चक्र रत्न के प्रकट होने पर राजा षट्खंड विजय करके चक्रवर्ती सम्राट बनता है। www.jainelibrary.org D ate

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