Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 15
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ एकबार श्रीविजय और अमिततेज एक अपनी उम्र मात्र २६ दिन शेष जानकर दोनों अवधिज्ञानी मुनि के दर्शन करने गये। मुनि ने नरेश चौंक गये। तत्काल राजधानी वापस आकर उन्हें बताया। अपने पुत्रों को राज्य सौंपा और स्वयं ध्यान, तप आदि साधना करने लगे। राजन् ! आप दोनों की आयु आज से मात्र छब्बीस दिन शेष रह गई है। Con छब्बीस दिन पश्चात् उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद अनेक जन्मों की यात्रा करते हुये अमिततेज की आत्मा ने रत्नसंचया नगरी के राजा क्षेमंकर की रानी के गर्भ से पुत्र के रूप में जन्म लिया। उसका नाम वज्रायुध रखा गया। (areer वज्रायुध बचपन से ही बहुत वीर और साहसी था। • अवधिज्ञान = भूत-भविष्य के बारे में जानने वाला ज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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