Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ
| दीक्षा के एक वर्ष पश्चात् भगवान शान्तीनाथ पुनः हस्तिनापुर पधारे। वहाँ सहस्राम्र उद्यान में नन्दी वृक्ष के नीचे परम शान्त निर्मल शुक्लध्यान में लीन हो गये। उनकी साधना के प्रभाव से वहाँ के वायुमण्डल में एक सुखद शान्ति व्याप्त थी। सिंह, हिरण, गाय, मोर, साँप आदि जीव जन्तु परस्पर वैरभाव भूलकर योगीराज शान्तिनाथ के चरणों में आकर शान्ति का अनुभव करने लगे।
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पौष शुक्ल नवमी के दिन नन्दी वृक्ष के नीचे ही भगवान को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। उसी स्थान पर देवताओं ने समवसरण की रचना की। भगवान ने प्रथम धर्म देशना दी ।
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समवसरण - तीर्थंकरों का धर्म प्रवचन मंडप
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भव्यों! किसी जंगल में एक छायादार विशाल वृक्ष था......
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