Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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शान्तिकुमार कुछ बड़ा हुआ तो
शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ
यौवन वय प्राप्त होने पर राजकुमार शान्तिनाथ का विवाह अनेक राज-कन्याओं के साथ हुआ। vo Vyv
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पुत्र का मुख देखकर मन में गहन शान्ति का
अनुभव होता है।
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तब एक दिन महाराज विश्वसेन के मन में वैराग्य जगा उन्होंने शान्तिनाथ को राज्य का भार सौंप दिया। बड़ी धूमधाम से शान्तिनाथ का राज्याभिषेक उत्सव मनाया गया।
महाराज ! शान्तिनाथ की जय हो!।
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महाराज शान्तिनाथ AKS चिरायु हों!
Dore महाराज विश्वसेन आत्म-साधना करने के लिए मुनि
बनकर एकान्त वन में चले गये।
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