Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 20
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ शांति स्तोत्र के पाठ से नगर में समस्त उपद्रव रोग पीड़ायें शान्त हो गयीं।। नगर में आज न कोई मरा, NAMBHARA न कोई बीमार पड़ा न कहीं कोई उपद्रव हुआ ! वाह ! सर्वत्र कितनी शान्ति है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। पुत्र का जन्म होते ही तीनों लोकों में प्रकाश जगमगा उठा। पृथ्वी पर आनन्द की वर्षा होने लगी। इन्द्र आदि हजारों देवता बालक का जन्मोत्सव मनाने पृथ्वी पर आये। Rom COOL DO CATE इस पुण्यात्मा सन्तान के प्रभाव से हस्तिनापुर जनपद में महामारी का भयंकर उपद्रव शान्त हो गया। यह बालक संसार में शान्ति करने वाला होने के कारण इसका नाम होगा-शान्ति कुमार 20 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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