Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ
बाज बोला
मैं मांसहारी हूँ। मुझे केवल मांस ही चाहिये।
मैं भी आपकी शरण में आया हूँ। मैं भूखा हूँ। अगर मैं इसे नहीं खाऊँगा तो भूखा ही
मर जाऊँगा।
മ तुम्हें भूख लगी है तो अन्य खाद्य पदार्थों से
अपनी क्षुधा शान्त करो। जो वस्तु चाहिये
'मिल जायेगी। बान किसी प्रकार राजी नहीं हुआ तो राजा ने कहा
कबूतर के भार के बराबर मांस देने की शर्त पर बान राजी हो गया। तराजू के एक पलड़े में कबूतर को रखा; दूसरे पलड़े में राजा अपने शरीर का मांस काट-काट कर रखने लगा।
EMAYA
YAY Yo
अगर तुम्हें मांस ही चाहिये तो किसी अन्य प्राणी का नहीं, मैं अपने
शरीर का मांस दूंगा। परन्तु शरणागत पक्षी को
नहीं सौंपूँगा।
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