Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 12
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ श्रीविनय ने सेना सहित अग्निघोष पर आक्रमण कर दिया। दोनों सेनाएँ अपनी विद्याशक्ति और अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करने लगीं। अन्त में श्रीविजय ने तलवार से अग्निघोष के दो टुकड़े कर दिये। परन्तु आश्चर्य। वह दोनों टुकड़े अग्निघोष बनकर लड़ने लगे। दो के चार टुकड़े हुये तो चार अग्नि घोष बन गये। होते-होते हमारों अग्निघोष युद्ध करने लगे हा! हा! हा! हा.... Done तभी अमिततेजू महाग्वाला विद्या सिद्ध करके वहाँ आ पहुँचा। उसने अग्निघोष के ऊपर महाज्वाला विद्या फेंकी। ले दुष्ट अब तू नहीं बच सकता। an Education International For Private & 9sonal Use Only www.jainelibrary.org

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