Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 11
________________ हम राजा अमिततेज के सेवक हैं। आपको आत्म-दाह करते देख बचाने चले आये। आपकी पत्नी को अग्निघोष नाम का एक विद्याधर उठाकर कर ले गया है। यह स्त्री आपकी पत्नी नहीं, उस विद्याधर का मायाजाल था। अत्य शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ उस दुष्ट अग्निघोष की इतनी हिम्मत!! जाओ उसको पकड़कर मेरे सामने लाओ। Jain Education International AA444 दोनों विद्याधर श्रीविजय को लेकर राजा अमिततेज के पास पहुँचे।। De उसने एक बड़ी सेना श्रीविजय के साथ विद्याधर अग्निघोष से युद्ध करने के लिये भेज दी। डायल महाराज ! अग्निघोष नाम के विद्याधर ने आपकी बहन सुतारा का अपहरण कर लिया है। अमिततेज ने सोचा अग्निघोष पर विजय पाने के लिये महाज्वाला विद्या साधना आवश्यक है। वह हिमवन्त पर्वत पर महाज्वाला विद्यासिद्ध करने के लिए चल पड़ा। 7 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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