Book Title: Shantiavatar Shantinath Diwakar Chitrakatha 007
Author(s): Vidyutprabhashreeji, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 6
________________ शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ समय आने पर रानी अभिनन्दिता ने दो जब दोनों राजकुमार सात वर्ष के हो गये तब सुन्दर पुत्रों को जन्म दिया। उन्हें शिक्षण के लिए गुरुकुल भेजा गया। वाह ! चाँद सूरज जैसे इन पुत्रों का नाम हम इन्दुसेन और बिन्दुसेन रखेंगे। 10 800 ( N epr.../ t.com.a..... दोनों भाई अत्यन्त मेधावी थे। वे सभी कलाओं में बहुत जल्दी पारंगत हो गये। कौशांबी नगरी के राजा बल ने जब उनके विषय में सुना तो अपनी पुत्री का विवाह इन्दुसेन से करने की इच्छा से राजकुमारी को रत्नपुर भेजा। राजकुमारी के साथ एक दासी भी आई थी। वह अत्यन्त रूपवती थी। दोनों भाई दासी के रूप पर आसक्त हो गये। ओह ! कितनी सुन्दर है यह! मैं तो इसी के साथ विवाह करूंगा। मैं तो इसे ही अपनी पत्नी बनाऊँगा। Jain Education International For Privat 2 Personal Use Only www.jainelibrary.org

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