Book Title: Sanskrit Sopanam Part 03 Author(s): Surendra Gambhir Publisher: Pitambar Publishing Company View full book textPage 8
________________ ॥ ॥ ॥ ॥ पेड़ फल्म ॥ s ॥ विधुः चन्द्रमा (moon) प्रभुः ईश्वर (God) वायुः हवा (air) तरुः (tree) फलना मिलीली (to bear fruit) कल्याणम् भला (welfare, good) धातवः तप् (2), फल (2) रूपाणि बन्धु, दयालु, कृपालु, गुरु, भानु, विधु, प्रभु, वायु, तरु-साधु' के समान (पृष्ठ 94) विशेषणानि स्त्री० alaneomainानशिकार नपु० विहाहाक दयालुः कृपालुः कृपालुः कृपाल सकलः सकला सकलम् अव्यय: हे विशेष : वाक्य के अन्त में 'अस्' धातु के रूपों का प्रयोग वैकल्पिक है (At the end of a sentence, use of 37€ form is optional). पुं० दयालुः दयालु अभ्यासः मौखिकम् 1. 'भान' शब्द के रूपों को बोलिए (Decline भानु)। 2. निम्नलिखित शब्दों को मिला कर बोलिए (Join and pronounce the following words)— त्वम् + एव, त्वम् + असि, त्वम् + अपि, द्रविणम् + अपि, कल्याणम् + अस्ति । लिखितम् 3. निम्नलिखित शब्दों के तृतीया एकवचन और षष्ठी बहुवचन में रूप लिखिए (Give forms of each in der singular and got plural)— बन्धु गुरु भानु विधुPage Navigation
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