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संक्षिप्त जैन इतिहास ।
तत्कालीन छोटे राजवंश। १. नोलम्ब-राजवंश। नोलम्ब राजवंशके राजा अपनेको पक्कनवंशसे सम्बन्धित प्रगट करते थे। उनका राज्य नोलम्बबाड़ी बत्तीस सहस्र नामक प्रान्त पर था, जो वर्तमान चित्तकदुर्ग जिलासे कुछ अधिक था। भाजकल मैसूर में जो नोणव' नामक किसान लोग मिलते हैं वे प्राचीन नोलम्बबाड़ी प्रजाकी सन्तान हैं। 'हेमावती-स्तंभ- लेख 'से प्रगट हैं नोलम्ब राजा ईश्वरवंशी थे। उनके मूल पुरुष त्रिनयन नामक राजपुत्र थे; जिनसे वे भाना सम्बन्ध काञ्चीके राजा पल्लव द्वारा स्थापित करते थे। पहले नोलम्ब राजा मङ्गल नामके थे जो नोलम्बाधिराज कहलाते थे। उनकी प्रशंसा कर्णाट-वासियोंने की थी। मङ्गलके पुत्र सिंहपोत थे, जिनके चारुपोन्ना नामक पुत्र हये। इनके पुत्र पोललचोर नोलम्ब नामक थे । महेन्द्र पोलक का पुत्र हुमा, जिनका पुत्र नन्निग अथवा अय्यप देव था। अय्यपदेवके दो पुत्र हुये, जिनके नाम क्रमशः (१) मण्णिग अथवा बीर नोलम्ब और (२) दिलीप अथवा इरिव नोलम्ब थे। इन्होंने समयानुसार नोलम्बबाड़ीपर राज्य किया था। सिंहपोतके विषयमें कहा जाता है कि वह गङ्गवंशी गाना शिव.
मार सैगोहकी छत्रछाया में शासन करते थे। सिंहपोत। जब शिक्मारका भाई दुग्गमार उनसे विमुख
होकर स्वाधीन होनेके लिये प्रयत्न कर रहा था, तब उन्होंने दुग्गमारको परास्त करनेके लिये नोलम्बान सिंहपोतको भेजा था। वह उसमें सफल हुये थे, यह लिखा जाचुका है।
होकर स्वाधान
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