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बा० कामताप्रसाद नी कृतऐतिहासिक ग्रन्ध।
भगवान महावीर भगवान पार्श्वनाथ
२॥). भ० महावीर व भ० बुद्ध १॥) सं० अन इतिहास प्र० भाग मप्राप्य
" " दूसग भाग २॥2)
, ,, तीसराभाग-१ १) वीर पाठावलि पंच-रत्न
1) नव-रत्र पतितोद्धारक जैन धर्म सत्य मार्ग
II) विशाल जैन संघ दिगम्बरत्व और दि० मुनि
12)
1-)
मूलचन्द किसनदास का पारया
पता:
जैन विजय' प्रेस
दिगम्बर जैनपुस्तकालय-सूरत ।
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