Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 02
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 172
________________ १४६ ] संक्षिप्त जैन इतिहास | ............ 1 शिलालेखोंसे स्पष्ट है कि भय्यप एक शक्तिशाली शासक थे । वह स्वतंत्र रूप में नोलम्बवाड़ी बत्तीस सहस्रपर शासन करते थे । उनका पुत्र भण्णय्य उनके साथ प्रांतीय शासक रूपमें राज्य करता था । अय्यपनन्निग, नन्निग श्रय, नोलिपय्य और नोलम्बाधिराज नामों से प्रख्यात था । उसके पश्चात् उसका ज्येष्ठ पुत्र अणिग अथवा वीर नोलम्ब राजा हुआ था, जो अध्णय्य और अंङ्कय्य नाम से भी परिचित था । गंग राजाओंसे इसे युद्ध करना पड़ा था, जिसमें गंग राजा पृथिवीपति द्वितीयके पुत्र अनि वीरगतिको प्राप्त हुये थे । आखिर अणिगको राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीयने सन् ९४० ई० में परास्त किया था । अय्यप दिलीप | । उपरांत मणिगका उत्तराधिकारी उसका छोटा भाई दिलीप हुआ, जो नोलपय्य नामसे भी प्रख्यात् था। दिलीपने वैदुम्ब और महाबली राजाओंको अपने आधीन कर लिया था । इससे उसके शौर्य और विक्रमका पता चलता है । इनके पश्चात् इरिव नोलम्बके पुत्र नभि नोलम्ब राजा हुये; परन्तु वह अधिक समयतक राज्य नहीं कर सके, क्योंकि गङ्ग वंशके राजा मारसिंहने नोलम्बोपर आक्रमण करके उन्हें नष्ट कर दिया था। तीन नोलम्ब राजकुमार अपने प्राण लेकर अन्यत्र जा छिपे थे । उन्हीं की संतान से उपरांतकालमे नोलम्ब वंशका पता इतिहास में चलता है ।' १- मैकु०, १४ ५४-५८. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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