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___ मुक्ति होती है.
जैनीः-हाय हाय! यह मुक्ति क्या हुई? . यह तो.महा अन्याय हुआ, क्यों कि धर्मा___त्माओं का धर्म निरर्थक दुआ और पापी पु
रूषों का पाप निष्फल गया.क्यों कि पाप करते हुए को जी बारद घण्टों की मुक्ति मिल जाती है. तो उनके पाप निष्फल गये और धर्म करते नी बारह घण्टे की मुक्ति; तो उनके धर्म निष्फल गये. क्या हुआ यदि तेरद चौदह घण्टे को मुक्ति हो गई तो ? यथा खञ्जर तले किसीने टुक दम लिया तो फिर क्या? और तुमने जो प्रश्न किया था । कि तुम्हारे मत में मुक्ति में ही बैठे रहते है सो मुक्ति क्या कोई हमारे घर की है ? मुक्ति नाम ही सर्व दुःखों से, सर्व क्रिया से,सर्व कर्मों से, जन्म-मरण (अवागमन) से, मुक्त हो जाने अर्थात् रहित हो जाने का है. फिर तुमने कहा कि कैदी की तरह, सो इसका उत्तर